
कार्यशाला में महिला साक्षरता को बढ़ावा एवं जेंडर गेप को कम करने का किया आव्हान
लक्ष्मणगढ़ 11 फरवरी। पंचायत समिति के सभागार में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शिवभगवान गोरा की अध्यक्षता में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों की ब्लॉक स्तरीय नवसाक्षर भारत अभियान के तहत समाज में सभी के लिए सतत शिक्षा की समझ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी भोजासर बड़ा अम्बिका चौधरी एवं विशिष्ट अतिथि पीईईओ पाटोदा द्वारका प्रसाद शर्मा थे।
सीबीईओ शिवभगवान गोरा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हम इस प्रकार से कार्ययोजना तैयार करें कि एक भी लर्नर उल्लास कार्यक्रम से वंचित नहीं रहे तथा भविष्य में औपचारिक शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल हो इसके लिए प्रभावी मोनेटरिंग व सुपरविजन की आवश्यकता जताई। ब्लॉक समन्वयक श्रीराम मुंड ने उल्लास कार्यक्रम के आयामों पर चर्चा करते हुए सम्पूर्ण साक्षारता का संकल्प दिलाया। संदर्भ व्यक्ति सुरेश कुमार भास्कर ने साक्षरता के के आंकड़ों के माध्यम से साक्षरता की वस्तुस्थिति से अवगत करवाकर अक्षर ज्ञान से आगे बढ़कर साक्षरता का दायरा बढ़ाकर कर महिला साक्षरता को बढ़ावा एवं जेंडर गेप को कम कर जीवन कौशल की ओर ले जाने का आव्हान किया।मास्टर ट्रेनर सोहनलाल भास्कर द्वारा उल्लास कार्यक्रम के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों का चिन्हीकरण कर निराकरण के समाधान बताए।पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी अम्बिका चौधरी ने प्रौढ़ कैसे पढ़ते विद्या पर चर्चा कर प्रौढ़ शिक्षण में पीयर लर्निंग मैथड से अधिगम करवाने पर बल दिया।लेखाकार अनिल कुमार मील ने वित्तिय व डिजिटल साक्षरता के अभाव में निरक्षर व्यक्ति के जीवन मे आने वाली समस्याओं का जिक्र करते हुए साइबर क्राइम से बचने के तरीकों की जानकारी दी। पीईईओ द्वारका प्रसाद शर्मा ने लर्नर्स की दक्षताओं एवं स्तरानुसार समूहों विभाजन कर बुनियादी शिक्षा एवं संख्या ज्ञान के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के तौर तरीकों की जानकारी दी। पीईईओ अमिकेश गुजर्र द्वारा कार्यक्रम के संचालन के दौरान नव साक्षर भारत अभियान के उद्देश्यों पर प्रकाश डालकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए संभागियों से अपील की गई।प्रतिभागियों के समूहों चर्चा के माध्यम से यह बात उभरकर आई कि परियोजना के बेहतर व सार्थक परिणाम प्राप्त करने के लिए बेस्ट वोलेंटियर शिक्षक के चयन व उनके क्षमता संवर्धन से ही लर्नर को साक्षर किया जा सकता हैं। कार्यशाला में प्रशासनिक अधिकारी भंवरसिंह जाखड़,श्रीपाल ढाका,एमआईएस महेश सैनी,विकास झांकल,दिनेश स्वामी,भंवरलाल स्वामी आदि ने सक्रिय सहभागिता निभाई



