
भानगढ़ में हुई चोरी के तीन दिन बाद संदिग्ध स्थिति में गदा मिलने के पीछे बड़ी साजिश की आशंकाएं।
चोरी कैसे हुई, क्या लापरवाही बरती गई,गदा कब किसको और कहां मिला,घटना से जुड़े सवाल।
गोला का बास/अलवर// राजस्थान के अलवर जिले का विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं प्राचीन खण्डर भानगढ़ का संरक्षण पुरातत्व विभाग (ASI) के अधीन आता है।
इस स्थल पर प्राचीन समय की कई प्रकार की मूर्तियां,कई प्रकार की वस्तुओं सहित प्राचीन दरोहर मौजूद रखी होने से चोरों की नजर बनी रहती है। प्राचीन दरोहर की गरिमा अखंडता एवं सुरक्षा का दायित्व पुरातत्व विभाग(ASI) के अधीन बना हुआ है और ASI के अधीन सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (SIS) जो भारत में अपनी पहचान रखती है के सिक्योरिटी गार्ड का जमावड़ा (तैनाती) भानगढ़ के प्रवेश द्वार से चारदीवारी में 24 घंटे बनी रहती है साथ ही प्रवेश द्वार सहित चेकपोस्ट पर CCTV कैमरों की निगरानी रहती है।
सरकार द्वारा की गई इतनी व्यवस्थाओं के बाद सुरक्षा में पनप रही बड़ी बड़ी कमियां क्यों?
22 फरवरी शुक्रवार-शनिवार मध्यरात्रि करीब भानगढ़ के मुख्य प्रवेश द्वार पर SIS के 4 गार्ड और एक ASI कर्मचारी की ड्यूटी होना बताया जा रहा है। उसके बावजूद एक संदिग्ध व्यक्ति नजरों के सामने से चार दिवारी में आ जाना और हनुमान मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगे विभाग के CCTV कैमरे से बचने का प्रयास करते हुए हनुमान मंदिर में प्रवेश करता CCTV में कैद हुआ है जो मंदिर में प्रवेश कर हनुमान का गदा चोरी कर फरार होना ASI और SIS के लिए बड़े सवाल पैदा करता है।
मीडियाकर्मी को घटना की सूचना लगने से लगातार जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे है लेकिन… ASI के जिम्मेदार अधिकारी और SIS के सुपरवाइजर की ओर से चोरी की घटना का रहस्य और लापरवाही का स्पष्ट संतोषजनक जवाब अभी तक नहीं मिला, अब सवाल यह भी उठ रहे है ASI और SIS के जिम्मेदार उच्च अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ी लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों पर क्या कार्रवाई देखने को मिलती है बना चर्चा का विषय।
तीन दिन बाद गदा मिलने का रहस्य
पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद गदा चोरी होने के तीन दिन बाद भानगढ़ के चारदीवारी के उस छोर जहां मुमकिन को भी नामुमकिन साबित करता है यह गदा किले के पास पहाड़ों की तलहटी के नीचे स्थित भराकुंड पर मंगलवार दोपहर करीब 1बजे घूमने गए स्थानीय गांव गोलाकाबास के बच्चों की नजर संदिग्ध गदा पर पड़ी और बच्चों ने बड़े चाव से गदा को ले आए।
बच्चों ने यह कर दिखाया जो पुलिस तीन दिन से नहीं कर सकी। भानगढ़ के चारदीवारी में स्थित मंदिर से गदा पार हो जाना और भानगढ़ के उसी चारदीवारी में बिना खंगाले मिल जाना इससे साफ जाहिर होता है गदा चोरी हो जाने के बाद पुलिस और सुरक्षा रखवालों ने भानगढ़ के घेरे में ही जांच नहीं की या फिर किसी ने यह कोई षड्यंत्र रचा गया है। जिसमें खेल भी खेला जा सकता है गदा उस स्थान पर पहले नहीं रखी हुई हो बाद में रखी गई हो,यह पूरा हैरान कर देने वाला मामला है।
आखिर तीन दिन से पुलिस विफल रही जो पुलिस नहीं कर सकी, वो कर दिखाया बच्चों ने
पुलिस की घोर नाकामी के बीच इन बच्चों ने भानगढ़ के पहाड़ों के बीच भराकुंड स्थित चट्टानों से संदिग्ध स्थिति में गदा आखिरकार मिल ही गई बच्चों ने वो कर दिखाया जो पुलिस नहीं कर सकी। श्रद्धालुओं में चर्चा का विषय बना हुआ है हनुमान जी की गदा संदिग्ध स्थिति में मिलना और गदा के साथ दगा करने वाले संदिग्ध व्यक्ति पुलिस गिरफ्त से बाहर होना एवं संदिग्ध स्थिति में गदा मिलना नाकाम साबित होता है। इससे यह जाहिर होता है कि पुलिस प्रशासन सहित ASI और SIS पर सवाल या निशान..?
श्रद्धालुओं ने भानगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी मांग की है
यहां प्राचीन महत्व के कई मूर्तियां और कई वस्तुएं मौजूद है जिन पर चोरों की नजर हो सकती है। लापरवाही ASI एवं SIS के सुरक्षा कर्मियों पर जिम्मेदार अधिकारियों को अमल में लाना भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम हो सकते है।



