दुर्लभ पक्षी जो सिर्फ साल में एक बार बारिश में बरसने वाले पानी को ही पीता है
मानसून शुरू होते ही अफ्रीका से आता है भारत
ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई देने लगा दुर्लभ पक्षी चातक जो सिर्फ साल में एक बार बारिश में बरसने वाले पानी को ही पीता है
गंगापुर सिटी 30 जून / (अमिता मीना वजीरपुर ) उपखंड मुख्यालय के ग्रामीण क्षेत्रों में चातक पक्षी दिखाई देने लगा है। यह पक्षी मानसून के आगमन का संकेत माना जाता है, और इसका दिखना अच्छी बारिश का शुभ संकेत है।

चातक पक्षी जिसे हिंदी में पपीहा भी कहा जाता है, एक ऐसा पक्षी है जो मानसून के मौसम में अफ्रीका से भारत आता है।इस पक्षी को मानसून का सूचक माना जाता है, और इसके दिखने से किसान अपनी फसलों की बुवाई की तैयारी शुरू कर देते हैं। हाल ही में गंगापुर सिटी व वजीरपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में चातक पक्षी को देखा गया है, जो इस क्षेत्र में मानसून के आगमन का संकेत है। चातक पक्षी का दिखना शुभ माना जाता है, और इससे अच्छी बारिश होने की उम्मीद बढ़ जाती है। भारतीय लोककथाओं में चातक को एक विशेष पक्षी माना जाता है, जो केवल स्वाति नक्षत्र में बरसने वाली बारिश का पानी पीता है। किसानों के लिमए चातक पक्षी का दिखना एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि यह उन्हें मानसून के आगमन और बुवाई के समय की जानकारी देता है।



